ग्रामीण किसान महिलाओं के द्वारा अनोखे अंदाज में की गोवर्धन पूजा किसान व समाजसेवी एम.एस.मेवाड़ा के साथ किसानों ने जमकर किया डांडिया नाच



सीहोर। सीहोर जिला मुख्यालय के ग्राम चंदेरी, ढाबला माता, रामाखेड़ी के ग्रामीण किसान महिलाओं ने अपनी गाय भैसों को रंग कर सजा कर गांव के बाहर गोहा में लेकर गए, जहां देव धर्मी की के मंदिर स्थान पर सभी ग्रामीण किसान महिला, पुरुष, बच्चे सभी अपनी-अपनी गाय-भैंसों लेकर पहुंचे, जहां पर अनोखे अंदाज टोटका किया गया। एक कपड़ें में रस्सी से नींबू व कुछ अन्य सामग्री बांधकर और देवताओं द्वारा सभी मवशियों पर जल से छिडक़ाव किया गया। ग्रामीणों का मानना है कि यह टोटका करने से कभी भी गाय भैंस बीमार नही होते है, किसी भी प्रकार बीमारी गौ माता को नहीं लगती है और सभी मवेशियों को उस रस्सी के नीचे से निकाला जाता है। महिलाएं गीत भजन गाती है, इस मौके पर देवी-देवता आते हैं ग्रामीणों द्वारा उनसे पुकार लगाई जाती है एवं देवी देवताओं की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा कर महिलाओं द्वारा अनोखे अंदाज में गोवर्धन देवता के परिक्रमा करते हुए डांडिया नाच कर गीत भजन गए। साथ ही किसानों ने भी किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के नेतृत्व में डांडिया नाच किया। किसानों का कहना है कि इस बार हमारी सोयाबीन की फसल प्रकृति आपदा से बर्बाद हो गई थी, जिसको लेकर क्षेत्र के किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा द्वारा शासन प्रशासन से राहत राशि देने की मांग की जा रही थी, जिस पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर किसानों को राहत राशि मिली। इसको लेकर सभी ग्रामीण किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद किया एवं देवी देवता एवं गोवर्धन देवता से पूजा कर प्रार्थना की गई कि आगामी गेहूं की फसल की पैदावार अच्छी हो किसी भी प्रकार की प्राकृति बीमारी फसल में ना लगे। साथ ही किसानों ने पूजा पाठ कर यह भी प्रार्थना की है कि देवताओं से की गेहूं की फसल के लिए ऊपर से बरसात भी हो ताकि हमारे गेहूं की फसल अच्छी पैदावार हो। इस मौके पर किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा ने बताया कि पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही है यह परंपरा आज विलोपित होती चली जा रही है, ज्यादातर गांवों में तो गोवा की जमीन ना बचने के कारण गौ माता गाय भैंस एकत्रित करने की जगह ही नही है। किसानों ने गौमाता प्रिय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आव्हान पर धूमधाम से गोवर्धन देवता की पूजा की गई है और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का जोरदार धन्यवाद किया एवं डांडिया नाच किया। महिलाओं ने भी डांडिया नाच किया। पुराने लोग कहते हैं कि गोवर्धन देवता की पूजा करने से कृष्ण देव भगवान प्रसन्न होते हैं और गांव में दुख बीमारी नहीं हो होती है, गांव में हमेशा सुख शांति बनी रहती है । गांव के धार्मिक स्थान देवरा पर देवता आते हैं और गौ माता को रोगों से मुक्त करते हैं, जल छिडक़ कर बंधन बांध कर बंधन के नीचे से टोटका कर गाय भैंसों को निकाला जाता है। गाय भैंसों का यह पुरानी सांस्कृतिक कार्यक्रम आज भी चला आ रहा है। परन्तु गांव में गाये के अभाव व आधुनिकता के कारण यह संस्कृति विलोपित होती जा रही है। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा के नेतृत्व में दर्जनों गांव के किसानों ने अनोखे तरीके से डांडिया नाच करते हुए गोवर्धन देवता की पूजा की गई। ग्रामीण महिलाओं द्वारा भी बढ़-चढक़र गोवर्धन देवता की पूजा की गई। गोवर्धन देवताओं पर महिलाओं ने गीत गाकर परिक्रमा लगा कर गोवर्धन देवता की परिक्रमा लगाकर डांडिया नाच करते हुए महिलाओं ने अनोखे तरीके से गोवर्धन की पूजा की गई यह दीपावली के दूसरे दिन पड़वा के दिन किया जाता है। गाय भैंसों को रंगा जाता है गोवा में पूरे गांव की गाय भैंस एकत्रित होती है। महिला गीत भजन गाकर देवस्थान पर पहुंचती है। यह पुरानी सांस्कृतिक कार्यक्रम आज भी कायम है।

इस पावन पर्व पर ग्राम डाबला माता के अनोखी लाल परमार गांव के पटेल एवं कंवर लाल परमार वरिष्ठ कृषक स्वरूप सिंह, गजराज सिंह, समर सिंह भील ठाकुर, बलदेव सिंह प्रजापति, शंकर लाल पटेल, दीप सिंह भिलाला, सौरम प्रजापति, मंजू प्रजापति, हेमलता प्रजापति, चंद्रकला ठाकुर, पूजा ठाकुर, सुईया प्रजापति, सानिया सूर्यवंशी, साक्षी प्रजापति, सुविधा परमार, तनु प्रजापति सहित बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों ने काफी देर तक ढोल नगाड़े पर लकड़ी से डांडिया नाच किया और महिलाओं ने गोवर्धन देवता की परिक्रमा कर डांडिया नाच करते हुए महिलाओं ने गीत भजन गाते हुए अनोखे तरीके से गोवर्धन देवता की पूजा की।


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