भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए पंजीयन कराना अनिवार्य योजना के तहत किसानों को सुनिश्चित किया जाएगा उनकी फसल पर एमएसपी के बराबर लाभ


सीहोर। सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा भावांतर योजना लार्ग की गई है। भावांतर योजना के अंतर्गत ई-उपार्जन पोर्टल पर 03 अक्र्टबर से 17 अक्टूबर 2025 तक सोयाबीन का पंजीयन किया जाएगा। इसके साथ ही फसल विक्रय के लिए भावांतर अवधि 24 अक्र्टबर 2025 से 15 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित कर सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं संबंधित अधिकारियों को भावांतर योजना के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीहोर कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष से कलेक्टर बालागुरू के., अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह, डीडीए अशोक कुमार उपाध्याय सहित संबंधित अधिकारी बैठक में वीसी के माध्यम से शामिल हुए। वीसी के पश्चात कलेक्टर बालागुरू के. ने बैठक आयोजित कर संबंधित अधिकारियों को जिले में भावांतर योजना के प्रभावी संचालन के निर्देश दिए।

   भावांतर योजना किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की एक योजना है। यह प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत 2018-19 से लार्ग है। योजना के अनुसार यदि किसान को मंडी में उपज का भाव न्र्यनतम समर्थन र्मल्य (एमएसपी) से कम मिलता है, तो राज्य सरकार औसत मॉडल भाव और एमएसपी के बीच के अंतर की राशि सीधे किसान के खाते डालेगी। इसके लिए किसानों का ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन जरूरी है। अत: इस प्रकार हर स्थिति में किसान को उसकी फसल पर एमएसपी के बराबर लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। भावांतर योजना के अंतर्गत ई-उपार्जन पोर्टल पर 03 अक्र्टबर से 17 अक्र्टबर 2025 तक सोयाबीन का पंजीयन किया जाएगा। इसके साथ ही फसल विक्रय के लिए भावांतर अवधि 24 अक्र्टबर 2025 से 15 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है

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