सीहोर। महाभारत और पद्मपुराण सहित अन्य स्मृति ग्रंथों में कहा गया है कि जो पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त सामर्थ्य के अनुरूप पूरी विधि से श्राद्ध करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं। घर-परिवार में शांति होती है। व्यवसाय तथा आजीविका में उन्नति होती है। साथ ही हर तरह की रुकावटें दूर हो जाती हैं। उक्त बात शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम में जारी 16 दिवसीय श्राद्धपक्ष के अंतिम दिन रविवार को अमावस्या पर कथा वाचक गौभक्त पंडित मोहितराम पाठक ने कहे। इस मौके पर रविवार को उनका स्वागत संस्कार मंच के संयोजक जितेन्द्र तिवारी, मोहन गोस्वामी, आकाश राय, कमलेश राय आदि ने किया।
उन्होंने कहाकि नशा धीमा जहर है, जो पहले व्यक्ति फिर उसके परिवार का बर्बाद करता है। नशा मनुष्य जीवन का नाश करता है। बेहतर जीवन के लिए नशे से दूर रहना ही समझदारी है। नशा करने वाला व्यक्ति अपना कितना धन व सम्मान नशे में खो देता है, उसे स्वयं ही मालूम नहीं होता। नशे की लत छूटने उपरांत उसे इसके दुष्परिणामों का एहसास होता है तथा पश्चाताप करता है कि उसने यह नशे की लत पहले ही क्यों नही छोड़ी।

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