सीहोर, 21 सितंबर, 2025 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री सूर्यकांत द्वारा नालसा, नई दिल्ली में मध्य प्रदेश न्यायपालिका के लिए "मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) एवं क्लेमेंट प्रतिपूर्ति और डिपॉजिट सिस्टम हेतु डैशबोर्ड" का शुभारंभ किया गया, जो मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया को गतिशीलता प्रदान करेगा और अधिक त्वरित एवं पारदर्शी बनाने मे सहायक सिद्ध होगा। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार यह डैशबोर्ड विकसित किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि ई-कोर्ट परियोजना के केंद्रीय परियोजना समन्वयक, या उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार (कंप्यूटर/आईटी), संबंधित राज्य सरकारों की सहायता से, एक केंद्रीय डिजिटल डैशबोर्ड बनाएं, जहां मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और कर्मचारी (कामगार) मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत दिए गए मुआवजे के संबंध में जमा की गई राशि से संबंधित जानकारी नियमित रूप से अपलोड की जाएगी। इस शुभारंभ कार्यक्रम मे सीहोर जिले के न्यायिक अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
शुभारंभ अवसर न्यायमूर्ति श्री सूर्यकांत ने कहा, कि "यह प्लेटफॉर्म न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को तीव्र, सरल और आम नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। पहले से ही किसी दुर्घटना के दर्द से जूझ रहे परिवारों को उनका हक़ पाने के लिए देरी या जटिल प्रक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। मध्य प्रदेश की न्यायपालिका ने इस प्रणाली को शीघ्रता और प्रभावी ढंग से लागू करने में उल्लेखनीय प्रतिबद्धता दिखाई है। उनका कार्य अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।"
यह डैशबोर्ड बीमा कम्पनियों या जिम्मेदार पक्षों द्वारा मुआवजे का ऑनलाइन जमा, अनावश्यक दखलअंदाजी के बिना दावेदारों के बैंक खातों में धनराशि का सीधा हस्तांतरण, उपयोगकर्ता के अनुकूल डैशबोर्ड के माध्यम से जमा राशि और मामले की स्थिति की ट्रैकिंग आदि को संभव बनाएगा। इस एप्लिकेशन का शुभारंभ ई-कोर्ट परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो न्यायपालिका के आधुनिकीकरण, सुगमता और भारत के नागरिकों को सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शित करता है
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