कुबेरेश्वरधाम पर निशुल्क कान, नाक, गला जांच शिविर आयोजित-ईएनटी शिविर में 100 रोगियों की हुई फ्री जांच और दवाई का वितरण



सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में निशुल्क रूप से स्वास्थ्य की जांच, भोजन-प्रसादी और शीतल पेयजल आदि की व्यवस्था की जा रही है।

 इसके अंतर्गत बुधवार को गगन जनसेवा समिति के तत्वाधान में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया गया था। स्वयं गुरुदेव इस मौके पर उपस्थित रहे और यहां पर मौजूद विठलेश सेवा समिति की ओर से व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा, सौभाग्य मिश्रा, यश अग्रवाल, रविन्द्र नायक, भूपेन्द्र शर्मा, बंटी परिहार आदि ने शिविर में शामिल हुए इस मौके पर पंडित श्री मिश्रा ने डॉ. गगन नामदेव, शुभम नामदेव, प्रीतम वर्मा, कान्हा वर्मा, हरिओम वर्मा का सम्मान किया।

बुधवार की सुबह नौ बजे से एक दिवसीय निशुल्क कान, नाक, गला जांच के अलावा मौसम के परिवर्तन होने के कारण बुखार, पेट दर्द, हाथपैर दर्द से संबंधित रोगियों के लिए शिविर आयोजित किया। शिविर मे 100 मरीजों की जांच कर निशुल्क दवा वितरित की गई। डॉ. नामदेव ने नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ ने बताया कि शिविर में विशेषज्ञों ने मरीजों के कान नाक व गले की जांच कर परामर्श दिया और निशुल्क दवाईयों का वितरण किया।

हर सप्ताह आयोजित होता शिविर

पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा ने बताया कि यहां पर धाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना तो की गई है। इसके अलावा हर सप्ताह समिति के द्वारा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। बुधवार को भी यहां पर निशुल्क नाक, कान और गले के अलावा दंत चिकित्सकों के द्वारा जांच और दवाई का वितरण किया गया था। यहां पर आने वाले ज्यादातर मरीज कान बहना, कान के पर्दे और नस में दिक्कत, चक्कर आना, कम सुनना, नाक बंद होना, नाक से खून आना, बार-बार छींके आना, नाक की हड्डी और मांस बढऩा आदि समस्याएं थीं। मरीजों का निशुल्क परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मरीजों में दांतों में पायरिया, मसूड़ों में सडऩ, मुख में दुर्गंध आना, दांतों में ठंडा-गर्म लगना आदि समस्याएं थीं।


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