सीहोर। आधुनिक युग में किसान अपनी खेती में खड़ी फसलों में कीटों को नियंत्रित करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न कंपनी की दवाइयां का उपयोग कर रहे है। अगर इस पद्धति को नहीं सुधारा गया तो आगामी समय में हमारी खेती पूर्ण रूप से बंजर हो जावेगी। शिव शक्ति एग्रीटेक लिमिटेड संस्था द्वारा गांव-गांव जाकर किसान संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में ग्राम सोमगाँव में किसान संगोष्ठी आयोजित कर कृषि अधिकारी यादवेंद्र भारद्वाज ने किसान भाइयों को बताया कि अपनी परंपरागत खेती से भटक कर रासायनिक खाद एवं उर्वरक की ओर चल गई है। इस सम्बंध में आगे बताया कि जैविक खेती में ही किसान भाइयों का भविष्य सुरक्षित है तथा कम कीमत में जीवाणु भूमि की संरचना को सुधारता है। जैविक खाद एवं दवाइयाँ के प्रयोग से भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ती है। किसान मित्र की कीटों की तरह एवं जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है, जो की भूमि के लिए अति आवश्यक है। आज के बढ़ते हुए रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के प्रयोग से भूमि की स्थिति खराब होती जा रही है।
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