आष्टा जनपद से आई जल संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल 100 एकड़ की वनभूमि पर लगाए जा रहे हैं पेड़ पर्यावरण और जल संरक्षण के साथ आमदनी भी होगी

 




सीहोर, 01 जुलाई, 2025   जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर आष्टा जनपद में ग्राम सिद्दीकगंज में आजीविका मिशन के तहत संचालित संगम संकुल स्तरीय संघ सिद्दीकगंज द्वारा वृहद सामुदायिक पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों कर्मचारियों ने वन भूमि पर लगभग 2000 हजार बांस के पौधे तथा 10,000 सीताफल के बीज रोपित किए। अभियान के समापन अवसर पर रोपित किए गए ये बांस के पौधे लगभग चार से पांच साल में तैयार हो जाएंगे। इससे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।

 पर्यावरण संरक्षण और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आष्टा जनपद के ग्राम सिद्दीकगंज स्थित लगभग 100 एकड़ की वनभूमि पर जनपद पंचायत द्वारा मनरेगा योजना के तहत 20x40 का मॉडल तैयार कर पौधरोपण कराया जा रहा है। इस मॉडल के अंतर्गत 100 एकड़ वनभूमि पर 20 x40 के छोटे-छोटे भूमि क्षेत्र बनाकर उनके बीच में एक गड्डा (वाटर रिचार्ज) बनाया गया है, जिसमें वर्षा का जल एकत्रित होगा। इस गड्डे के आसपास समान दूरी पर बांस, सीताफल, नीम, अश्वगंधा, क्रिकोड़ा आदि के पौधे रोपित किए जा रहे हैं। इससे वर्षा का जल भूमि में भी समाहित होगा और इन पौधों को भी पानी मिलता रहेगा। इस मॉडल के तहत पेड़ लगाने से जल का संवर्धन और पर्यावरण का संरक्षण तो होगी ही बल्कि स्वयं सहायता समू‍ह की महिलाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।  

    इस भूमि पर बालाकुआ और कटंग प्रजाति के बांस के पौधे रोपित किए गए हैं जो लगभग 04 से 05 साल में ही तैयार हो जाते हैं। इन बांसों की फर्नीचर से संबंधित उद्योगों में काफी मांग होती है। इसी प्रकार इस भूमि पर रोपित किए गए सीताफल के बीजों से जब सीताफल के पेड़ तैयार होगे तो वे भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए रोजगार और आजीविका के अनेक अवसर उपलब्ध कराएंगे इसके साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी होगा।

   इस अवसर पर आष्टा विधायक श्री गोपालसिंह इंजिनियर, जनपद अध्यक्ष श्रीमती दीक्षा सोनू गुणवान, जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन, जनपद सीईओ श्री अमित व्यास सहित अनेक जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पौधे रोपे और जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

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