सीहोर, 30 मई, 2025 यदि महिलाओं को अवसर मिले, तो वे असाधारण कार्यों को भी सहजता से कर सकती हैं। इस बात को साकार किया है सीहोर जिले की श्रीमती रानू चक्रवर्ती ने, जिन्होंने पुरुष प्रधान व्यवसाय माने जाने वाले पोल्ट्री उद्योग में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। श्रीमती रानू चक्रवर्ती का यह सफर वर्ष 2021 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अपने "आनंद एग्रो पोल्ट्री फॉर्म" की नींव रखी। यह निर्णय उनके लिए आसान नहीं था। एक महिला होकर व्यवसाय की दुनिया में कदम रखना, वह भी ऐसे क्षेत्र में जहां तकनीकी ज्ञान, पूंजी और समाज की स्वीकृति कड़ी चुनौती थी।
श्रीमती रानू को उनकी इस सफलता की यात्रा में मध्यप्रदेश सरकार की एमएसएमई प्रोत्साहन नीति का पूरा सहयोग मिला। इस योजना के तहत उन्हें अपनी फैक्ट्री की स्थापना में 48 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त हुआ। इस मदद ने उनके आत्मविश्वास को और मजबूत किया। श्रीमती रानू चक्रवर्ती के आनंद एग्रो फॉर्म में मुर्गियों के लिए विशेष प्रकार का पोषक दाना तैयार किया जाता है। यह फॉर्म आधुनिक तकनीकों और गुणवत्ता नियंत्रण पर आधारित है। इस फॉर्म मे बड़ी मशीनों के माध्यम से दाना तैयार किया जाता है।
आज श्रीमती रानू की इस फैक्ट्री का वार्षिक टर्नओवर 2 करोड़ से ढ़ाई करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिश्रम और दूरदर्शिता का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महिलाएं यदि ठान लें तो कोई भी कार्य उनके लिए असंभव नहीं है। श्रीमती रानू कहती हैं कि एक महिला होकर मेरे लिए यह सफर आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने अपने आत्मबल, कड़ी मेहनत और सरकारी सहयोग के साथ इस मुकाम को हासिल किया। उनकी यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखती हैं। श्रीमती रानू चक्रवर्ती की सफलता केवल एक आर्थिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की एक जीवंत मिसाल है। उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि जब महिलाओं को उचित अवसर और सहयोग मिलता है, तो वे न केवल आत्मनिर्भर बनती हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनती हैं।
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