कलेक्टर द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए दिशा निर्देश जारी बाल विवाह रोकथाम के लिए उड़न दस्तों बनाये गये बाल विवाह को प्रोत्साहित करने वाले गार्डन, टेन्ट हाउस, रसोईयां, पण्डित, प्रेस मालिक के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावे

सीहोर,25 अप्रैल,2025 "अक्षय तृतीया' 30 अप्रैल 2025 को विवाह मुहूर्ती के अवसर पर सामूहिक विवाहों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर बाल विवाह होने की प्रबल संभावना होती हैं। बाल विवाह की सामाजिक कुरीति को समाप्त करने तथा किशोरियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एवं बाल विवाह की रोकथाम के लिये कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने सूचना के आदन प्रदान के लिए वन स्टॉप सेंन्टर में कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है और कन्ट्रोल रूम का फोन नम्बर 07562-221666 है इस नम्बर पर बाल विवाह की सूचना दी जा सकती है।


      कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार इस संबंध में आदेश जारी कर निर्देश दिये है कि कन्ट्रोल रूम पर संबंधित प्रभारी अपने दल के साथ पूरे समय अपने कार्यक्षेत्र पर उपस्थित रहकर जैसे ही बाल विवाह की सूचना मिलती हैं आवश्यक कार्यवाही करेंगे। दल प्रभारी गठित दल के अतिरिक्त अपने स्तर से भी अपने क्षेत्र अंतर्गत अन्य स्टाफ को इस कार्य के लिए निर्देशित कर सकेंगे। कन्ट्रोल रूम प्रभारी प्राप्त संबंधित को परियोजना अधिकारी को देंगे। 30 अप्रैल 2025 "अक्षय तृतीया" के अवसर पर विशेष रूप से विवाह पर निगरानी रखते हुए पुरे वर्ष अभियान अंतर्गत बाल विवाह रोकथाम के लिए सीहोर,आष्टा,इछावर,भैंरूदा और बुधनी अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अपने अनुविभाग अन्तर्गत दल का प्रभारी नियुक्त किया गया है। और इन की सहायत के लिए संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।


      जारी निर्देशानुसार नियुक्त दल अपने-अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत होने वाले सामूहिक विवाहों में वर-वधुओं की आयु के प्रमाण पत्रों का अवलोकन करेंगे। किसी भी परिस्थिति में वर की आयु 21 वर्ष से कम तथा वधु की आयु 18 वर्ष से कम न हो। वर अथवा वधु की आयु कम पाए जाने पर बाल विवाह रोकने का प्रयास करेंगे अन्यथा वैधानिक कार्यवाही करेंगे। इसके लिए उड़न दस्तों के दलों द्वारा यदि उनके क्षेत्राधिकार में कोई बाल विवाह का प्रकरण पाया जाता है तो बाल विवाह करने वाले, बाल विवाह को प्रोत्साहित करने वाले जैसे बाल विवाह में सम्मिलित बाराती, विवाह स्थल/गार्डन मालिक, टेन्ट हाउस मालिक, खाना बनाने वाले रसोईयां, केटरर, काजी, पण्डित, तथा पत्रिका छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के विरूद्ध भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जावे।

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