सीहोर। समाज में विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकने एवं इसकी बुराईयों से उन्हें अवगत कराना हमारा दायित्व भी है और कर्त्तव्य भी। उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के सहयोग से सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के तत्वाधान में महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर मद्य निषेध सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर गुरुवार को श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने कहे। उन्होंने कहाकि मद्य निषेध सप्ताह 2 से 8 अक्टूबर तक आयोजित किया गया है। मद्य निषेध की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वर्ष भर इस दिशा में प्रयास किया जाते हैं। हमारे केन्द्र के संचालक राहुल सिंह के द्वारा मुक्ति केन्द्र के अलावा यहां पर जरूरतमंदों के लिए संकल्प वृद्धाश्रम है, इसमें बड़ी संख्या में वृद्धजनों संपूर्ण सुविधाओं के साथ जीवन बसर कर रहे है।
उन्होंने कहाकि नशा मुक्ति केंद्र मद्य निषेध सप्ताह का आयोजन समाज में नशीली दवाओं और शराब के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है। इस सप्ताह में कई गतिविधियां शामिल होती हैं, जैसे प्रभात फेरी, रैली, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक और पोस्टर/चित्र प्रदर्शनी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नशा पीड़ितों को उपचार और परामर्श के लिए प्रोत्साहित करना और समाज को नशामुक्त बनाना है। इसके लिए आगामी दिनों में शहर के सभी स्कूल और महाविद्यालयों में जागरूकता अभियान किया जाएगा। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति और उसके निवारण पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशापान के बुरे प्रभाव के प्रति जागरूक होना चाहिए। युवाओं को नशे से दूरी बनाए रखने की आवश्यकता है क्योंकि नशे की प्रवृत्ति स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, पारिवारिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डालती है। समाज में विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकने एवं इसकी बुराइयों से उन्हें अवगत कराना हमारा दायित्व और कर्तव्य है।

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