सीहोर। जिले भर में नवरात्रि का पर्व उत्साह और परंपरा अनुसार मनाया जा रहा है। मां दुर्गा मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ जिले के प्रसिद्ध देवीधाम मंदिर सलकनपुर में भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं चौक चौराहों पर विराजित मां दुर्गा प्रतिमा स्थलों पर भी गरबा के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
जड़ी-बूटियां से किया जाएगा हवन
हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि के पावन अवसर पर शहर के विश्रामघाट स्थित मरीह माता मंदिर में आस्था और उत्साह के साथ पर्व मनाया जा रहा है। नवरात्रि के चौथे दिवस कूष्माण्डा मां की पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, पंडित उमेश दुबे, जितेन्द्र तिवारी, मोहन गोस्वामी और धर्मेन्द्र माहेश्वरी सहित अन्य बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे। वहीं दुर्गाष्टमी पर सुबह 100 से अधिक दुर्लभ औषधियां, जड़ी-बूटियां से हवन और रात्रि बारह बजे महानिशा आरती का आयोजन किया जाएगा। संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर दुर्गाष्टमी पर औषधियां, जड़ी-बूटियां से हवन किया जाता है, इसके अलावा रात्रि को महानिशा आरती की जाती है। सर्वमनोकामना सिद्धि के लिए औषधि हवन का आयोजन किया जाएगा। अनुष्ठान में उपयोग होने वाली दुर्लभ औषधियां और जड़ी-बूटियां न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगी, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगी। दरबार में हवन में 100 से अधिक दुर्लभ औषधियां, जड़ी-र्बटियां और शुद्ध घी का उपयोग किया जाएगा। इस धूनी से वातावरण शुद्ध होगा और कई समस्याओं में लाभ मिलेगा। शास्त्रों में वर्णित है कि नवरात्र में किए गए हवन से शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से हवन की धूनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। हवन से वातावरण में मौजूद हानिकारक तत्व नष्ट होते हैं और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता
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