सीहोर, 27 मई, 2025 भारत सरकार जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए दो महत्वपूर्ण और समयबद्ध मिशन चला रही है। जिसमें प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) शामिल हैं। इनका उद्देश्य लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से देश भर के जनजातीय क्षेत्रों में सेवाओं और बुनियादी ढांचे को संतृप्त करना है। इस संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 15 जून से 30 जून 2025 तक "धरती आबा अभियान - जागरूकता और लाभ संतृप्ति शिविर" नामक एक केंद्रित अभियान शुरू करने की योजना बनाई गई है। इस अभियान का उद्देश्य अंतिम मील स्तर पर व्यक्तिगत अधिकारों को संतृप्त करना और डीएजेजीयूए के बारे में जागरूकता पैदा करना है। अभियान के तहत चिन्हित जनजातीय क्षेत्रों में शिविर लगाए जाएंगे और जनजातीय समुदाय के सभी पात्र व्यक्तियों को योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने सभी संबंधित अधिकारियों को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार 15 जून से 30 जून 2025 तक जिले इस अभियान को संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
पारंपरिक आईईसी अभियानों के विपरीत यह अभियान गांव-स्तर के क्लस्टर स्तर के शिविरों के माध्यम से अधिकारों की जमीनी स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करेगा। जिसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम-किसान, जन धन खाता, बीमा कवरेज, सामाजिक सुरक्षा (वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन), रोजगार और आजीविका योजनाएं (एमजीएनआरईजीए, पीएम विश्वकर्मा, मुद्रा ऋण), महिला और बाल कल्याण (पीएमएमवीवाई, आईसीडीएस लाभ, टीकाकरण), आदि शामिल हैं। यह शिविर सीएससी, स्थानीय प्रशासन, फ्रंटलाइन श्रमिकों और विभागीय अभिसरण की सक्रिय भागीदारी के साथ संचालित होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ सभी पात्र जनजातीय व्यक्तियों और परिवारों तक पहुंच सकें। इस अभियान के तहत जनजातीय विभाग, अन्य विभाग एवं जिला प्रशासन मिलकर कार्य करेंगे।
सोलर अभियान अवधि के दौरान जिले में अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों के दौरान व्यक्तिगत अधिकारों के वितरण में अंतराल वाले पीवीटीजी बस्तियों और जनजातीय गांवों की पहचान की जाएगी। इसके साथ ही 15 जून से 30 जून 2025 तक ग्राम-स्तरीय/क्लस्टर स्तरीय लाभ संतृप्ति शिविर आयोजित किए जाएंगे। आधार, ई-केवाईसी और दस्तावेज़ीकरण से संबंधित सेवाओं के लिए सीएससी को शामिल कर कार्य किया जाए। लाभार्थियों की वास्तविक समय की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करते हुए, जिलेवार सूक्ष्म योजनाएँ, शिविर कैलेंडर और निगरानी ढांचा तैयार किया जाएगा। यह अभियान पीएम-जनमन और धरती आबा अभियान के तहत परिकल्पित एक समावेशी और सशक्त जनजातीय भारत के हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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