सीहोर। शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित नशा मुक्ति केन्द्र श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में पांच दिवसीय नशा मुक्ति कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। पहले दिन यहां पर हितग्राहियों को ग्रुप बनाकर किस तरह इन गलत आदतों के शिकंजें में आए इसके संबंध में उनके अनुभव के बारे में विचार सांझा किए गए। कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने कहाकि हमारे द्वारा हर माह पांच दिवसीय कार्यशाला इसलिए लगाई जाती है कि हम हमारे अंदर की बुराईयों को एक दूसरे से अवगत कर इसको दूर करने के बारे में विचार कर सकते है। उन्होंने कहाकि हमारी छोटी-छोटी आदतें, जिन्हें हम हल्के में लेते हैं, अचानक हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन जाती हैं। हमें इसका एहसास भी नहीं होता है। यह एक ऐसी मानसिक और शारीरिक स्थिति है, जो हमें किसी खास आदत या नशे पर पूरी तरह से निर्भर बना देती है। कार्यशाला के दौरान पंडित कुणाल व्यास ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाकि अपने खाली समय में भगवान के नाम का ध्यान करने से सकारात्मक असर आता है।
एडिक्शन का रूप अलग-अलग हो सकता
श्री सिंह ने बताया कि चाहे वह शराब, तंबाकू हो या फिर सोशल मीडिया और इंटरनेट की लत। एडिक्शन का रूप अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसका असर एक ही है। यह हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को धीरे-धीरे दीमक की तरह खा जाता है। क्या आपने कभी महसूस किया है कि किसी बुरी आदत के कारण आपकी जिंदगी पर गहरा असर पड़ रहा है, लेकिन फिर भी आप उसे छोड़ नहीं पा रहे हैं? यही एडिक्शन का जाल है। यह धीरे-धीरे हमारे मस्तिष्क को अपने कब्जे में ले लेता है। आज के समय में युवा मोबाइल व नशे की लत का शिकार होने से खेलों से पिछड़ रहा है। मोबाइल की लत का शिकार होने से युवा अपराध की ओर अग्रसर हो रहा है। युवाओं को खेलों के प्रति अग्रसर करने के लिए सरकार को महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए। एक व्यक्ति द्वारा लगातार नशा करने से उसके शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से नशा करने वाले व उसके परिवार को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इस दौरान युवाओं को नशे से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में अवगत करवा नशे की लत से दूर रहने का आह्वान किया गया।
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