सीहोर। प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इसके पहले दिन यहां पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने पंडित उमेश दुबे के मार्गदर्शन में रविवार की सुबह दुर्गा सप्त शती के पाठ के साथ श्रद्धालुओं ने दी आहुतियां दी। यहां पर हर रोज यज्ञ के साथ आहुतियां दी जाएगी। इस मौके पर मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, जितेन्द्र तिवारी आदि शामिल थे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि कुल चार नवरात्रि का वर्णन है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। श्रद्धालुओं के द्वारा नियमित रूप से आहुतियां दी जाएगी। वहीं आगामी दिनों में नियमित रूप से कन्या भोज के अलावा नवमी तिथि पर भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।
रविवार की सुबह यहां पर मौजूद श्रद्धालु फूलों से माता का श्रृंगार किया और उसके पश्चात यज्ञ में देवी का आह्वान कर आहुतियां दी। पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित होता है। मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं। माता के नाम का अर्थ भी पर्वत की बेटी ही है, अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करने वाली माता शैलपुत्री की साधना करने पर कुंडली से जुड़ा चंद्र दोष और उससे होने वाली सारी परेशानियां दूर होती हैं। मां की पूजा से व्यक्ति के जीवन में उनके नाम की तरह स्थिरता बनी रहती है। उन्होंने बताया कि सोमवार को सुबह देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाएगी।
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