सीहोर । आर्य समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं समाज सेवी राजेंद्र कुमार राठौर का 65 वा एवं श्रीमती वर्षा राठौर पत्नी राजेंद्र कुमार राठौर का 62 वा जन्मदिन आर्य समाज मंदिर में वैदिक रीति से मनाया गया । दोनों (पति पत्नी का जन्मदिन ) 6 नवंबर को हे आता है । जनम दिवस के एवं यज्ञ के उपरांत आर्य समझने वरिष्ठ सदस्य रमेश चंद्र राठौर द्वारा जन्मदिवश के वैदिक एवं वैज्ञानिक स्वरूप पर प्रकाश डाला । प्रकाश डालते हुए कहा कि हम जन्मदिन मनाते है आज कल कैसे ? केक खरीद लाते है फिर मोमबत्ती लाते है फिर केक के चारों तरफ लगाते है फिर माचिस से जलाते है फिर उसी को फूंक मार मार कर बुझाते लोग बिना विचारे काम करते है । उसे जलाना था toh बुझाया क्यों हमारे घर में जलता हुआ दीपक कब बुझाते है जब किसी को मौत होती है । तो जन्म दिन हुआ के मरण दिन । तो अंग्रेजी परम्परा से मत मनाओ । तो कैसे मनाए जन्मदिन , तो जब भी आपका जन्मदिन आए तो संकल्प करिए कि हम हमारे जन्मदिन पर एक नीम का पेड़ लगाएंगे और यज्ञ करेंगे । पेड़ तेज रहेगा जिंदगी भर हम तो चले जाएंगे , नीम का पेड़ लगाया तो 500 साल जिंदा रहता है और एक नीम का पेड़ लगा दिया तो लाखों रुपए के ऑक्सीजन देता है , ऑक्सीजन भी हमे चाहिए जोकि पेड़ से हे आती है तो हर जन्मदिन पर पेड़ लगाए और यज्ञ करे । बढ़ते जा रहे वायु प्रदूषण पर यदि नियंत्रण नहीं किया गया तो कुछ वर्षों बाद ऐसी स्थिति बन जाएगी को मनुष्यों को अपने साथ प्राण वायु का सिलेंडर बंद कर रखना होगा जिससे सुध वायु ली जा सके । जैसे आज अशुद्ध जल के कारण खनिज जल (मिनरल वाटर) की बोतल तथा नाक को ढकने के लिए कापड़ी की पट्टी (फेस मास्क) का प्रचलन हो गया है । तो पर्यावरण प्रदूषण से बचने का उपाएं क्या है । यज्ञ करे । गाय के घी के साथ हवन की सामग्री यज्ञ कुंड में डालकर विशेष शक्ति शाली बनकर दूषित वायुमंडल के 99 प्रकार के दुर्गुणों को सरलता से नष्ट कर देती है ।

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