अंतराष्ट्रीय मृदा दिवस का हुआ आयोजन स्वस्थ शहर के लिये स्वस्थ मिट्टी


सीहोर। शुक्रवार, दिनांक 5 दिसम्बर 2025 को आर्तराष्ट्रीय मृदा दिवस का आयोजन राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्याल ग्वालियर (म.प्र) के अंतर्गत आरएके कृषि महाविद्यालय सीहोर में किया गया। इस वर्ष विश्व मृया दिवस पर प्रसंग स्वस्थ शहर के लिये स्वस्थ मिट्टी था। कार्यक्रम में सीहोर जिले के सी.एम.एच.ओ. डॉ. सुधीर कुमार बेहरिया मुख्य अतिथि के रूप में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एम. यासीन चेयरमेन के रूप में तथा मुदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.सी गुप्ता संयोजक के रूप में उपस्थित रहे। कृषक प्रतिनिधि के रूप में प्रगतिशील कृषक प्रहलाद सिंह भगत जी उपस्थित थे।

कार्यकम का शुभारंभ छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर स्वस्थ शहर के लिये स्वस्थ मिट्टी विषय पर एक महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान डॉ. एस. पी.दत्ता पूर्व निर्देशक भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल द्वारा दिया गया। उन्होंने भूमि को स्वस्थ रखने के लिये संतुलित पोषक तत्व उपयोग एवं कार्बन संचरण पर जोर दिया तथा मृदा-पौध-वातावरण-मानव के आपसी संबंधों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर परिचयात्मा उद्धोधन डॉ. एस.सी. गुप्ता द्वारा दिया गया जिसमे उन्होंने मृदा दिवस मनाने के उददेश्य, मिट्टी के स्वास्थय एवं गुणवकता को अलग बनाये रखने के लिये जनमानस में जागरूकता लाने के लिये सभी का आवाहन किया जिससे खेती टिकाउ बनी रहें और उच्च गुणवत्ता कर मौजन प्राप्त होता रहे जो की स्वस्थ रहने के लिये सभी जीयों के लिये आवश्यक है। प्रगतिशील कृषक श्री प्रहलाद सिंह जी ने मृदा को स्वस्थ रखने के लिये जैविक खेती तथा संतुलित रसायनों के प्रपयोग पर अपने अनुभव साझा किये।

महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एम. यासीन ने मृदा स्वास्थ के महत्व पर जोर डाला तथा अपने उदबोधन में बताया कि किस प्रकार मृदा स्वस्थ एवं उर्वर होने पर पैदा होने जाते अनाज की अच्छी गुणवत्ता के लिये उपयोगी होती है। उन्होने पादप प्रजनन के द्वारा किस प्रकार उच्च गुणवत्ता वाली दाले एवं अन्य अनाज पैदा किये जाते है। उस पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। मुख्य अतिथि सीएमएचओ सीहोर डॉ.डेहरिया जी ने मानव स्वास्थ्य को बीमारियों से बचाने हेतु मिट्टी स्वस्थ रखने एवे रसायनों के उचित उपयोग की सलाह दी।

इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय परिसर से एक भव्य जागरूकता रैली निकाली गयी जिसमें बहुत बडी संख्या में छात्र/छात्राओं, कृषकों वैज्ञानिकों एवं कर्मचारीयों ने बढ़ चढक़र सहभागिता निभाई। साथ ही इस अवसर पर एक बहुत सुन्दर एवं संदेशात्मक नाटिका की प्रस्तुति महाविद्यालय की छात्र/छात्राओं के समूह द्वारा दी गई जिसकी बहुत सराहा गया नाटिका में शहरों में किस तरह से मिट्टी को स्वस्थ रख सकें इससे संबंधित महत्वपूर्ण संदेश दिये गये जिसमे प्लास्टिक का उपयोग को रोका जाए इसका भी संदेश दिया गया मिटट्टी को प्रदुषण से बचाने हेतु गीला एवं सूखा कचरा भिन्न भिन्न एकत्रित कर उसका रिसाईकलिंग के माध्यम से शहर एवं मिट्टी की स्वक्षता को बनाएं रखने के लिये जोर दिया। शहरीकरण के कारण मिट्टी में सिलिंग भी ही रहा है जिसके कारण भूमि में वर्षा जल प्रवेश में कमी व भूजल स्तर में आ रही कमी के बारे में जन मानस को जागरूक किया गया।

महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा रांगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लिया गया तथा इस अवसर पर उन्हे पुरुस्कृत भी किया गया इस प्रतियोगिता का आयोजन श्रीमति सरिता माडेकर एवं डॉ. अराधना ठाकुर एवं मूल्यांकन डॉ. दत्ता, डी. गाठिये द्वारा किया गया। इसी तारतम्य में स्थानीय ब्राईट कॅरियर स्कूल के छात्र-छात्राओं के बीच महाविद्यालय के फैकल्टी मेम्बर्स डॉ. आशुतोष मिश्रा एवं मृदा विज्ञान विभाग के स्नातकोत्तर छात्र/छात्रओं द्वारा मृदा स्वास्थ जागरूकता संबंधित संदेश दिया गया जिसमे स्कूल प्राचार्या निधि गुप्ता एवं बड़ी संख्या में छात्र/छात्राएँ उपस्थित थे।

इस अवसर पर महाविद्यालय परीसर में एच. डी. एफ.सी. बैंक एवं जिला चिकित्सालय सीहोर के माध्यम से एक रक्त दान शिविर का आयोजन भी किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं एवं महाविद्यालय के स्टॉफ द्वारा बढ़ी संख्या में स्वेच्छा से रक्तदान किया। इस कार्यक्रम की आकाश राठौर, रवि सौलंकी नवीन सूर्यवंशी एवं महाविद्यालय के डॉ. बी. आर. बरैया, डॉ. सुधीर सिंह, डॉ भरतलाल, डॉ. प्रशांत मराठा द्वारा संपादित किया गया।

कार्यक्रम में मंच व्यवस्था डॉ. डी. के. पायासी एवं संचालन डॉ. ए.एन. भानू तथा आभार प्रदर्शन डॉ. आशुतोष मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यकम के आयोजन में महाविद्यालय के प्रमुख रूप से डॉ. डी. आर. सक्सेना, डॉ. जी. एस. गाठिये, डॉ. लेखाराम, डॉ अशोक सक्सेना डॉ. निलेश रायपुरिया, डॉ एम.के. पाटीदार डॉ. राहुल यादव, डॉ. वर्षा धुर्वे, डॉ. अश्विनी, डॉ. आर.एस.दांगी, डॉ. लालू प्रसाद, महेन्द्र जोशी, सत्येन्द्र देवड़ा, निरजन पटेल, विजय कुमार रजक, पवन कुमार मरावी, रवि रगारे, आयुष टोरिया, भूवन हेडाऊ, श्रीमति फिल्दा बैक, शैलेन्द्र डोडिया, अनिल विश्वकर्मा, अनिल परमार, राहुल कुशवाह, प्रमोद मीणा, अरविंद, बाबू खां एवं महाविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएँ आदि द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु विशेष योगदान 


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