सीहोर, 28 सितंबर, 2025 सीहोर जिले के ग्राम बिजोरी निवासी किसान श्री जसवंत सिंह इस साल अपनी सोयाबीन की फसल के भाव को लेकर चिंतित थे। जब सोयाबीन का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे जाता दिखाई दे रहा था, तो ऐसा लगा मानो मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पाएगा। तभी प्रदेश सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए भावांतर योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य है कि यदि मंडी में फसल का भाव समर्थन मूल्य से कम मिलता है, तो सरकार उस अंतर की राशि सीधे किसान के खाते में जमा करेगी। किसान श्री जसवंत सिंह कहते हैं कि इस योजना से हम जैसे किसानों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि इस बार भले ही सोयाबीन का दाम समर्थन मूल्य से कम हो जाए फिर भी सरकार भावांतर योजना के तहत घाटे की भरपाई कर देगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों के हितों को देखते हुए भावांतर योजना शुरू की है ताकि किसानों को नुकसान का सामना न करना पड़े। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार लगातार किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए प्रयासरत हैं और भावांतर योजना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। किसान श्री जसवंत सिंह कहते हैं कि इस बार सरकार ने समय पर निर्णय लेकर किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनकी मेहनत का उचित मूल्य उन्हें मिलेगा। वे कहते हैं कि अब हमें यह चिंता नहीं है कि सोयाबीन का भाव कितना मिलेगा, क्योंकि सरकार हमारे साथ खड़ी है।

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