आधा दर्जन भजन गायकों का किया सम्मान माता-पिता से बढ़कर कोई तीर्थ देवता या गुरु नहीं है-समाजसेवी विवेक रुठिया


सीहोर। भगवान गणेश की कथाओं और रामायण हमें माता-पिता की सेवा संस्कार देती है। मां पृथ्वी से बड़ी, पिता आकाश से ऊंचा है। माता-पिता से बढ़कर संसार में कोई तीर्थ देवता या गुरु नहीं है। जो संस्कार माता-पिता से प्राप्त होते हैं वह संस्कार अन्य किसी से भी प्राप्त नहीं हो सकता। माता-पिता की सेवा से ही समस्त तीर्थों की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में 12 दिवसीय प्रवचन सभा के दौरान शहर के वरिष्ठ समाजसेवी विवेक रुठिया ने कहे। उन्होंने कहाकि आज से 12 साल पहले मेरे पिताश्री मानकचंद्र रुठिया का आकस्मिक निधन हो गया था, उनकी याद में हमारे द्वारा बुधवार को भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहाकि माता-पिता के आशीर्वाद के कारण ही हम सब आगे बढ़ सकते है। उन्होंने यहां पर उपस्थित हितग्राहियों को गलत आदतों से दूर रहने की अपील करते हुए अपने परिवार में खुशी पूर्वक रहने की बात कही।

 वृद्धाश्रम में 12 दिवसीय प्रवचन सभा के पहले दिन आश्रम में भंडारे का आयोजन किया गया था, यहां पर सुबह भगवान गणेश की आरती उज्जैन के प्रसिद्ध शनि मंदिर के पुजारी पंडित सचिन त्रिवेदी, धर्मेन्द्र माहेश्वरी, राहुल माहेश्वरी, पंडित सुनील पाराशर, केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, आनंद व्यास, आकाश राय, कमलेश राय आदि शामिल थे।

 इस मौके पर जिला संस्कार मंच के मनोज दीक्षित मामा ने कहाकि जिस तरह रामायण हमें भगवान राम के जीवन से प्रेरणा व मर्यादा में रहने की सीख देती है, उसी तरह समस्त ग्रंथ भी हमें बड़ों का सत्कार व माता-पिता की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। अच्छे व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे संस्कारों से होती है, अगर व्यक्ति में संस्कार ही नहीं होंगे तो हमारा समाज भी उसे महत्व नहीं देगा और लोग उससे दूरी ही बनाए रखेंगे। वैसे तो हर बच्चे में संस्कार बचपन से ही होते है, लेकिन कुछ बातें और व्यवहार समाज के लोगों व बड़ों से मिलते है। अच्छा बोलना, दूसरों की मदद करना और माता-पिता तथा बड़ों का आदर सम्मान करना ही संस्कार है। हमें हर उस व्यक्ति से संस्कार मिलते है जो हमसे बड़ा हो, चाहे वह दादा-दादी, माता-पिता, भाई बहन या अन्य सभी हमें सही रास्ता दिखाते है और हमें भी उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए और दी गई सीख को ही अपना चाहिए।

12 दिनों तक सुबह शाम-प्रवचन और भजन कीर्तन का आयोजन

वृद्धाश्रम में लगातार 12 दिनों तक सुबह शाम प्रवचन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में श्रद्धा भक्ति सेवा समिति की ओर से केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने बताया कि बुधवार को 12 दिवसीय प्रवचन सभा का आयोजन का श्रीगणेश किया गया है। सुबह नौ बजे से दस बजे और दोपहर में तीन बजे से चार बजे प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। शहर सहित आस-पास के भजन-मंडलों और सुंदरकांड मंडलों का सम्मान किया जाएगा।



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