सोयाबीन, अरहर, उड़द, मक्का आदि की बुवाई पर्याप्त नमी हो तब ही करें

 

 सीहोर, 17 जून, 2025   भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आगामी सप्ताह में मानसून 'आने की संभावना है। मानसून आने के पश्चात 3 से 4 बार एवं 100 मिमी बारिश होने पर खरीफ फसल की बुवाई पर्याप्त नमी में करें। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार उन्नत उत्पादन तकनीक अपने जलवायु क्षेत्र के लिए अनुकूल सोयाबीन की किस्मों का चयन करें।


      कृषि वैज्ञानिक के अनुसार अंकुरण परीक्षण के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध बीज का न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकुरण सुनिश्चित होने पर बुवाई करें। उर्वरक प्रबंधनः पोषण प्रबंधन के लिए अंतिम बखरनी से पूर्व गोबर की खाद 5-10 टन/हे. या मुर्गी की खाद 2.5 वरिष्ठ वैज्ञानिक व टन/हे. खेत में अच्छी तरह फैला दें। कार्बनिक खादों प्रमुख कृषि विज्ञान के अतिरिक्त सोयाबीन फसल के लिए आवश्यक केन्द्र रायसेन पोषक तत्वों (20:60:40:20 किग्रा/हे. एनपीके सल्फर) की पूर्ति केवल बोवनी के समय करें, जिसके लिए निम्नलिखित में से किसी एक समूह की खाद का प्रति हेक्टेयर उपयोग करें,यूरिया 56 किग्रा + 375-400 किग्रा सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश, अथवा 2. डीएपी 125 किग्रा + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश + 25 किग्रा बेंटोनाइट सल्फर या 3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 मात्रा 200 किग्रा + 25 किग्रा बेंटोनाइट सल्फर ।


      कृषि वैज्ञानिक के अनुसार खरीफ फसलों के लिए बुवाई तकनीकः विगत कुछ वर्षों से फसल में सूखा, अतिवृष्टि या असामयिक वर्षा जैसी घटनाएं देखी जा रही हैं, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में फसलों को बचाने हेतु सलाह दी जाती है कि सोयाबीन की बुवाई के लिए बीबीएफ (चौड़ी क्यारी प्रणाली) या रिज्ड फरो पद्धति (कूड़ मेढ़ प्रणाली) का उपयोग करें। खरीफ फसलों में बीज उपचारः सोयाबीन फसल की प्रारम्भिक अवस्था में रोग तथा कीटों से बचाव के साथ-साथ उपयुक्त पौध संख्या सुनिश्चित करने हेतु सोयाबीन में बीजोपचार अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अनुशंसा है कि बीज को अनुशंसित पूर्व मिश्रित फफूंदनाशक एजोक्सीस्ट्रोबिन 2.5 प्रतिशत + थायोफिनेट मिथाइल 11.25 प्रतिशत + कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 25 प्रतिशत एफ.एस. (10 मिली/किग्रा) बीज से उपचारित करें। अन्य विकल्प के रूप में अनुशंसित फफूंदनाशक पेनफ्लूफेन ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोब नि 38 एफ.एस. (0.8-1.0 मिली / किग्रा) बीज अथवा कार्बोक्सिन 37.5 प्रतिशत थाइरम 37.5 प्रतिशत (3 ग्राम/किग्रा) बीज अथवा कार्बेन्डाजिम 25 प्रतिशत + मैन्कोजेब 50 प्रतिशत डब्ल्यूएस (3 ग्राम / किग्रा) बीज से उपचारित कर कुछ देर की लिए छाया में सुखाने तत्पश्चात अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 30 एफएस (10 मिली/किग्रा) बीज अथवा इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस (1.25 मिली/किग्रा) बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें।


      कृषि वैज्ञानिक के अनुसार जैविक बीज उपचार: सोयाबीन की बोवनी करते समय बीज को जैविक कल्चर बेडी राइजोबियम+पीएसएम प्रत्येक को 5 ग्राम / किग्रा बीज की दर से उपयोग करें। रासायनिक फफूंदनाशक के स्थान पर जैविक फफूंदनाशक' ट्राइकोडर्मा विरडी 10 ग्राम / किग्रा बीज का उपयोग बीजोपचार के लिए कर सकते हैं। जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है। बीजोपचार एवं टीकाकरण में एक निश्चित क्रम फफूंदनाशक- कीटनाशक- जैविक कल्चर का अनुपालन कर बीजोपचार करें। बीज दर एवं बुवाई : सोयाबीन की बोवनी हेतु अनुशंसित 45 सेमी कतार की दूरी पर बुवाई करें साथ ही बीज को 2-3 सेमी की गहराई पर बुवाई करते हुए पौधे से पौधे की दूरी 5-10 सेमी रखें। सोयाबीन की बीज दर 60-70 किग्रा/हे. की दर से उपयोग करें। खरपतवार नियंत्रण: सोयाबीन की फसल में बुवाई पूर्व खरपतवारनाशक दवा पेंडामिथलीन + इमेजाथाप ायर मात्रा 25 से 3 लीटर प्रति हेक्टेयर या डाइक्लोसुलम+पेंडामिथ लीन मात्रा 25 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

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