सीहोर, 11 जून, 2025 राज्य औषधि पादप बोर्ड के निर्देशानुसार देवारण्य योजना एवं "एक जिला एक औषधि" योजना के तहत वन समिति के सदस्यों को अश्वगंधा की खेती के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करना और स्थानीय वन समितियों को सशक्त बनाना है।
प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि अश्वगंधा एक प्राकृतिक रसायन औषधि है, जिसकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से बढ़ रही है। प्रशिक्षण में वन समिति के सदस्यों को इस औषधीय पौधे की आर्थिक संभावनाओं के बारे में भी अवगत कराया गया। इसके साथ ही अश्वगंधा की बुवाई, देखभाल, सिंचाई, कटाई एवं विपणन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण के दौरान अश्वगंधा की खेती करने वाले सफल किसान श्री विनोद कुमार विश्वकर्मा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इस फसल में कीटनाशकों की आवश्यक नही होती और यह खेती पारंपरिक फसलों की अपेक्षा अधिक लाभदायक है। जिला आयुष अधिकारी डॉ नरेन्द्र सिंह लोधी ने बताया कि देवारण्य योजना के तहत सीहोर जिले में अश्वगंधा को "एक जिला एक औषधि" के रूप में चयनित किया गया है, जिसके तहत जिलेभर में अश्वगंधा की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है।
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