जन समुदाय को लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव हेतु एडवायजरी कलेक्टर श्री बालागुरू के.ने सबंधित विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये कलेक्टर ने जन समुदाय को लू से बचाव के साधन अपनाने की सलाह

सीहोर,01 अप्रैल,2025 भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टिकोण के अनुसार माह अप्रैल-मई 2025 में तापमान औसत से अधिक होने की संभावना है। इसके कारण अधिकांश भागो में लू (तापघात) की स्थिति निर्मित हो सकती है। जिले में संभावित लू के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिए जिला स्तर पर जन समूदाय को लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव के लिए आवश्यक सुझाव तथा निर्देश जारी किये गये है। इस संबध में कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने सभी संबंधित विभागों को आवश्यक व्यवस्थाएं और प्रकोप से बचाव के निर्देश जारी किये है।


     इस संबंध में कलेक्टर श्री बालागुरू के.द्वारा जन समुदाय को लू (तापघात) के प्रकोप से प्रभाव, लक्षण एवं प्राथमिक उपचार के लिए दिशा निर्देशानुसार सूर्य दाह ताप के कारण शारीरिक ऐठन (Heat Cramp) लक्षण त्वचा पर लाल चकता, सूजन, फफोले, बुखार, सिरदर्द आदि पैरो, पेट की मांसपेसियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफदेह ऐंठन, अत्यधिक पसीना आना इसके लिए प्राथमिक उपचार


प्रभावित को बार-बार नहलाए। यदि फफोले निकल आएं हो तो स्टरलाइज/ ड्रेसिंग करें। चिकित्सक का परामर्श ले। प्रभावित को छायादार स्थल पर तत्काल ले जाए। ऐठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबाए तथा धीरे- धीरे सहलाएं। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाएं। यदि उकबाई आ रही हो, तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा तत्काल नजदीकी चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।


     लू (तापघात) के प्रकोप से प्रभाव अत्यधिक थकावट एवं शारीरिक खिचाव(Heat Exhaustion)


ताप-दाह (Heat Stroke) अत्यधिक पसीना आना, होना महसूस कमजोरी शरीर ठंडा होना तथा पीला पड़ जाना, सिर दर्द, नब्ज कमजोर पड़ जाना, मूर्छित हो जाना, उल्टी आना, अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म एवं सूखी. त्वचा, तेज नब्ज बेहोशी हो सकती है। प्रभावित. व्यक्ति को पसीना नहीं आएगा। इन सभी के लिए प्राथमिक उपचार के लिए प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटा कर शरीर पर ठंडा एव गीले कपडे से स्पंजिंग करें। संभव हो तो उन्हें वातानकूलित कमरे में ले जाए। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाए। उनके शरीर पर ठंडा एवं गीले कपड़े से स्पंजिंग करें। यदि उनकाई आ रही हो, तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दे तथा प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।


लू (तापघात) से बचाव के लिए सावधानियां


     पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन कर तरो-ताजा रहें। यथा संभव दोपहर 12 से 03 बजे धूप में बाहर निकलने से बचें। धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें। अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछे या कई बार स्नान करें। धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें। गरिष्ठ, वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।




 



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