कृषि विस्तार अधिकारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर जताया विरोध



सीहोर। समस्त कृषि विस्तार अधिकारी अपने वर्षों से लंबित मांगों एवं न्यायसंगत अधिकारों के प्रति ध्यान आकृष्ट कराने हेतु विरोध प्रदर्शन की राह पर अग्रसर होने के लिए विवश हैं। इस संबंध में म.प्र. कृषि विस्तार अधिकारी संघ, कृषि विस्तार अधिकारी साथियों के हित में दिनांक 15.04.2025 से 30.04.2025 तक लगातार काली पट्टी बाँधकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगें। तथा पूरे प्रदेश के समस्त कृषि विस्तार अधिकारी दिनांक 22.04.2025 को सामूहिक अवकाश पर रहेगें।

विभाग के हित में निम्नानुसार बिन्दुओं पर शासन स्तर से ठोस कदम नहीं उठाये जाने की स्थिति में दिनांक 01.05.2025 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के लिये बाध्य होगें।

यह है मांगें

कृषि विस्तार अधिकारियों के वेतनमान में सुधार कर रू. 2100 एवं 2400 के स्थान पर 2800 ग्रेड पे के लिए माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में बार-बार सहमति दिये जाने के पश्चात भी सर्वेयरों के समान वेतनमान न दिये जाने से समस्त कृषि विस्तार अधिकारियों में घोर अवसाद तथा आकोश की स्थिति है। इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की मांग पूरी किये जाने का अनुरोध है।

कृषि विस्तार अधिकारी के कार्य तकनिकी होतें है, वर्तमान भर्ती नियमों के अनुसार कृषि विस्तार अधिकारियों की भर्ती के लिये तकनिकी स्नातक डिग्री क्च.स्ष् (्रद्द) आर्हता है चूंकि भारतीय अनुसंधान परिषद के आदेश कमांक एफ.न.ई./13-1-2016-एस.आर. दिनांक 06.10.2016 अनुसार कृषि एवं संबंधित विषयों की स्नातक शिक्षा व्यवसाहिक तकनीकी शिक्षा घोषित की गई है। इसलिये कृषि विस्तार अधिकारी पद को तकनिकी पद घोषित किये जाने का अनुरोध है।

कृषि विस्तार अधिकारियों को पटवारियों के समान 4000 हजार एग्रीस्टेक भत्ता तथा अतिरिक्त केन्द्र का भत्ता 500 रुपये प्रतिमाह के स्थान पर 1000 रुपये प्रति माह किये जाने का अनुरोध है।

माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप विभाग में पदोन्नति की प्रकिया को सबसे निचले कम से प्रारम्भ किया जाए क्योंकि कृषि विस्तार अधिकारियों को पूरे सेवाकाल में एक से अधिक पदोन्नति मिल पाना भी दुर्लभहै। इसके लिए सर्वप्रथम कृषि विकास अधिकारी के रिक्त लगभग 1000 पदों पर पदोन्नति दी जाकर द्वितीय चरण में उच्च पदों पर पदोन्नति के पश्चात शेष रिक्त कृषि विकास अधिकारी पदों पर पदोन्नति की जाए। अन्यथा विगत कई वर्षों की तरह सैकड़ों कृषि विस्तार अधिकारी एक ही पद पर सेवानिवृत्ति की पीड़ा से जीवन पर्यन्त आहत रहेंगे।

सेवा में आने के पश्चात विभागीय अनुमति प्राप्त स्नातक हुए कृषि विस्तार अधिकारियों को नियुक्ति दिनांक से समयमान वेतनमान दिया जाए।

नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों को 70, 80, 90 प्रतिशत वेतन तथा तीन वर्ष की परिवीक्षा की परिपाटी को समाप्त कर प्रथम वर्ष से ही 100 प्रतिशत तथा 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि की जाए अन्यथा तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि के पश्चात चौथे वर्ष में तीनों इंक्रीमेन्ट एक साथ देय हों।


अनेक नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों की पदस्थापना उनके गृह जिले से 500 से 800 किलोमीटर की दूरी पर की गई है जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण तथा परिवार की देखभाल करना बहुत मुश्किल होता है। अत: या तो उन्हें गृह जिले में पदस्थ किया जाए अथवा उनसे नजदीकी जिलों का विकल्प प्राप्त कर, उनकी पदस्थापना शीघ्र ही निकटस्थ जिले में की जाए। संघ द्वारा प्रस्तुत मांगों पर अविलम्ब सकारात्मक निर्णय लेकर विभाग की कल्याणकारी योजनाओं तथा कृषि तकनीकी प्रसार के वास्तविक संवाहक, कृषि विस्तार अधिकारियों की मूलभूत समस्याओं को निराकृत किया जावे



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