माता-पिता और चिकित्सक के अथक प्रयासों से अब सामान्य बच्चों की तरह चलने लगा है मुस्तफा अपने बेटे को चलते हुए देखकर माता पिता की आंखों में छलके खुशी के आंसू



सीहोर, 12 मार्च, 2025   सीहोर निवासी शहाना और फहीम के चेहरे पर उस समय खुशी का अन्दाजा लगाना मुश्किल था, जब उनका बेटा मुस्तफा जन्म के पांच साल बाद न केवल अपने पैरों पर खुद खड़ा हुआ, बल्कि सामान्य बच्चों की तरह चलने भी लगा। मुस्तफा को सामान्य बच्चों की तरह खड़े होने और चलने योग्य बनाने के लिए जिला चिकित्सालय सीहोर के अस्थिरोग विशेषज्ञ तथा फिजियोथैरेपिस्ट को पांच साल तक अथक प्रयास करना पड़ा। मुस्तफा को जन्म से ही क्लब फुट और मल्टी पल्स ज्वाइंट की समस्या थी।      

   मुस्ताफा के 02 अप्रैल 2019 को जन्म लेते ही घर में खुशी का महौल था। माता पिता बेहद खुश थे लेकिन उसके माता-पिता को उस वक्त गहरा आघात लगा जब उन्हें पता चला मुस्तफा खड़ा नहीं हो सकेगा और चल भी नहीं पाएगा। यह जानकारी उन्हें 03 अप्रैल 2025 को तब मिली जब वे अपने बेटे को एसएनसीयू और वहां से डीईआईसी लेकर पहुंचे। बालक मुस्तफा का क्लब फुट के कारण घुटना पूरी तरह विकसित नहीं हो पाया था। इसके साथ ही बाएं हाथ की कलाई की नर्व में समस्या के कारण कलाई उपर की ओर मुड़ नहीं पा रही थी। 

 जिला अस्पताल स्थित डीईआईसी पहुंचने पर अस्थि रोग चिकित्सक डॉ हरिओम गुप्ता द्वारा क्लब फुट की कास्टिंग शुरू की गई एवं कलाई के लिए फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा एक्सरसाइज सिखाई गई तथा हथेली को सीधा रखने के लिए हेंडब्रेस दिया गया। क्लब फुट कास्टिंग और टेनोटोमी के बाद मुस्तफा का पैर बिल्कुल सीधा हो गया और मुस्तफा चलने लगा। मुस्तफा के इलाज और थेरेपी में लगभग 05 साल का समय लग गया। यही नही बल्कि उसके बांए हाथ की कलाई भी सामान्य स्थिति में आ गई है और उसका घुमाव भी सामान्य हो गया है। डीईआईसी में मुस्तफा की नेचर डेवलपमेंट टेकनिक, पोजिशनिंग एक्सरसाइज, कोर स्टेनबिलिटि, स्टेंमथनिंग, बेलेंसिंग, गेट ट्रेनिंग तथा हेड फंक्सन साहित अनेक प्रकार की थैरेपी की गई तथा होम एक्सरसाइज का प्लान बताया गया और आखिरकार मुस्तफा अपने पैरो पर खेड़ा होने लगा और चलने भी लगा। मुस्तफा के माता पिता ने जब लगभग 05 साल बाद अपने बेटे मुस्तफा को चलते हुए देखा तो उनके चेहरे पर खुशी झलक रही थी। उन्होंने अपने बेटे को उसके पैरों पर खड़ा होने लायक बनाने के लिए चिकित्सक और फिजियोथेरे‍पिस्ट को धन्यवाद दिया।


 


 



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