सीहोर। अपनी पंद्रह सूत्रीय मांगों लेकर सोमवार को आशा ऊषा संयुक्त मोर्चा की सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर चक्काजाम कर दिया।
भोपाल नाका से बस स्टेड जाने वाली प्रमुख्र फोरलेन सड़क पर जाम लगने से दोनों तरफ वाहनों की कतारे लग गई तो अनेक वाहन चालको को रास्ता बदल कर जरूरी स्थान तक जाना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान भेदभावपूर्ण तरीके से आशा एवं पर्यवेक्षकों का वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान रोके जाने के विरोध में जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया। संयुक्त मोर्चा ने जिलाध्यक्ष चिंता चौहान के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को दिया।
आशा ऊषा सहयोगिनी एकता यूनियन संयुक्त मोर्चा ने कहा कि 29 जुलाई 2023 को भोपाल में विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति तथा हजारों आशा एवं पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में आयोजित महा सम्मेलन में मुख्यमंत्री द्वारा आशा एवं पर्यवेक्षकों के लिये 1,000 रुपये का वार्षिक वेतन वृद्धि करने की घोषणा की गई थी लेकिन आज तक इस घोषणा को पूरा नहीं किया गया है। जबकी इस संबंध में 2 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा विधिवत आदेश जारी किया गया था। मुख्यमंत्री को घोषणा का लगभग 2 वर्ष होने को है इसके बावजूद विभाग एवं सरकार के द्वारा आशा एवं पर्यवेक्षकों के वार्षिक वेतन वृद्धि के भुगतान को भेदभावपूर्ण तरीके से रोका जा रहा है।
जबकी मुख्यमंत्री द्वारा आंगनबाडी कर्मियों के लिये भी इसी तरह वार्षिक वेतन वृद्धि की घोषणा किया था उन्हें जुलाई 2024 से 1,000 रुपये वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन आशा एवं पर्यवेक्षकों के वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान को रोक कर रखा जा रहा है। आशा ऊषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश द्वारा सरकार के इस रवैये के खिलाफ विधानसभा सत्र के प्रथम दिन प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते हुये भेदभावपूर्ण रवैया समाप्त कर आशा एवं पर्यवेक्षकों का एक हजार रुपये का वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान कराया जाने सहित अन्य मांगों का निराकरण कराए जाने की मांग की गई। प्रदर्शन में जिले भर की आशा ऊषा पर्यवेक्षकों शामिल रही।
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