सीहोर। भगवान के भक्त को चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकी सृष्टी के हर प्राणी का पालन भगवान करते है चिडिय़ा कोई नौकरी नही करती है,अजगर भी कोई काम नहीं करता है चींटी से लेकर हाथी तक सबका पालन भगवान करते है। मनोकामना पूरी नहीं होने पर लोग भगवान को भी बदलने में देर नही करते है। लेकिन जो अधिक भगवान की भक्ति करता है पूजा पाठ करता है भगवान भी उसकी अधिक परीक्षा लेते है और दुख पर दुख देते रहते है पर भक्त को मजबूत करने के उपरांत दया कर देते है। भगवान की भक्ति से गृह भी शांत होते है उक्त बात गुरूवार को संगीतमय श्रीमद भागवत कथा महापूराण के प्रथम दिवस हनुमान फाटक मंदिर परिसर में भागवत भूषण पंडित रवि शंकर तिवारी ने श्रद्धालुओं के मध्य कहीं।
कथा वाचक पं तिवारी ने भागवत जी का सार बताते हुए कहा की नारद जी संसार में प्रेम की खोज में निकले परंतु उन्हे कहीं प्रेम नहीं दिखाई दिया तो वह कैलाश पर्वत पर पहुंच गए यह नारद ने माता पार्वती को शांतिप्रेम से भोले नाथ की भक्ति करते हुए देखा। पार्वती ने नारद से कहा की कैलाश पर सब प्रेम से रहते है। मेरी सवारी शेर है,भोलेनाथ के वाहन नंदी है उनके गले में सर्प है, कार्तिकेय मोर मयूर की सवारी करते है और गणेश के वाहन चूहा मूसक है यह सभी प्राणी एक दूसरे के शस्त्रु है परंतू कैलाश पर प्रेमपूर्वक एक साथ रहते है संसार के प्राणियों को भी कैलाश वासियों की भांति प्रेम से रहना चाहिए।
उन्होने ने कहा की भागवत कथा में 18 हजार श£ोक है भगवान मनोहर है सबके मन को मोह लेते है कथा सुनने जो नहीं भी आना चाहते है वह भी एक दिन आ ही जाता है।
माता हिंगलाज मंदिर से डीजे बैंड बाजों और गाय माता के साथ भव्य कलश यात्रा श्रद्धालुओं महिलाओं के साथ माता की पूजा अर्चना कर प्रारंभ की गई।
कलश यात्रा कस्बा बजरिया मुख्य बाजार से होती हुई निजामत रोड से कथा स्थल हनुमान फाटक मंदिर पहुंची। अनेक स्थानों पर नागरिकों के द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। यह पर मुख्य यजमान के द्वारा विधिवत भागवत कथा जी की पूजा अर्चना के उपरांत कथा का प्रारंभ किया गया। श्रीमद भागवत कथा महापुराण प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे हो रही है।
0 Comments