राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल, मोतीलाल नेहरू, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, गोपाल कृष्ण गोखले, डा. भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, बाबू जगजीवन राम, सरोजिनी नायडू, आचार्य कृपलानी, डा. हरिसिंह गौर जैसी अनेक शख्सियतों ने संविधान निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण में अपने श्वेद की एक-एक बूंद अर्पित कर दी। उन्हें याद करने का भी आज पुण्य दिवस है। प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिकारियों में भगवान बिरसा मुंडा, टंटया भील, रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, राजगुरु, सुखदेव, अशफाक उल्ला. उधम सिंह, मदनलाल ढींगरा के आत्मोत्सर्ग को भी भुलाया नहीं जा सकता। श्रीमती इंदिरा गांधी जी और श्री राजीव गाधी जी का त्याग और बलिदान भी उतना ही स्मरणीय अनुकरणीय है।
1964 तक हम मैक्सिकन लाल गेहूं के भरोसे जिंदा थे, तब भारत मां के सच्चे सपूत लालबहादुर शास्त्री जी के आह्वान पर पूरा देश एक दिन उपवास रखकर आगे बढ़ा, लेकिन झुका नहीं। कांग्रेस ने हरित क्रांति के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया। परिणाम यह हुआ कि खाद्यान्न के मामलों में आया तक भारत, अन्न का निर्यातक देश बन गया। यह हमारे नेताओं और नीतियों के महानतम योगदान का सार्थक और सकारात्मक परिणाम है। लालटेन और ढिबरी के देश में इंदिरा जी ने बिजली भेजी, पॉवर प्लांट लगवाए, देश को ऊर्जा के क्षेत्र में भी सक्षम बनाया। दूरदर्शी नेतृत्व से दुग्ध क्रांति आई और अमूल दुनिया का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया।
हमें गर्व है कि कांग्रेस ने 60 साल देश की अथक सेवा की। आईआईटी, आईआईएम, इंजीनियरिंग कॉलेज और लाखों स्कूलें बनवाई। विद्यालयों, नवोदय स्कूलों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को मजबूत किया। स्टील प्लांट्स, खाद, कार, ट्रक, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कारखाने, बाघ, सडक, अस्पतालों का भी जाल बिछाया। भेल, रेल, गेल. इसरो, भाभा जैसी संस्थाओं से भारत को विश्व में नई पहचान दिलवाई।
इंदिराजी के साहसी नेतृत्व ने ही बांग्लादेश का निर्माण कर भारत की सीमा को एक तरफ से सुरक्षित किया। एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों का आत्म समर्पण दुनिया के इतिहास का अकेला कारनामा और हमारी सेना की वीरता का भी एक ऐसा उदाहरण है, जिसने मां भारती के मस्तक को दुनिया में सबसे ऊंचा कर दिखाया।
देश के सामने भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि न्याय कहां है? करोड़ों नौजवान बेरोजगार हैं. क्या उन्हें काम नहीं चाहिए? महंगाई ने 81 करोड़ लोगों को गरीबी के दलदल में धकेल दिया, क्या उन्हें आजीविका के संसाधन नहीं चाहिए? यही करोड़ों नागरिक आज जब न्याय के लिए लालायित हैं, तब राहुलजी उनकी आवाज बन गए हैं। जन-जन के मन में समाई उदारता और समान न्याय वाली मूल दृष्टि, आज इसलिए भी आहत है कि आइए, हम जनता के नागरिक अधिकारों, समानता के संवैधानिक न्याय के लिए आगे बढ़ें। पूंजी के एकाधिकारवाद, अवसरों की लूट और संगठित झूठ के खिलाफ कमर कसें। साथ मिलकर, कदम बढ़ाएं, अपने भारत को सच्चे अर्थों में विश्वगुरु बनाएं।
राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर उपस्थित कांग्रेसजनों में प्रमुख रूप से पूर्व अध्यक्ष डॉ. बलवीर तोमर, ब्लाक अध्यक्ष निशांत वर्मा, राममूर्ति शर्मा, महेश दयाल चौरसिया, ओम वर्मा, विष्णु प्रसाद राठौर, गीता देवी राठौर, मूलचन्द राठौर, रामचन्द्र राठौर, रमेश गुप्ता, राजाराम बड़े भाई, राजेन्द्र वर्मा, जफरलाला, राजेन्द्र ठाकुर, हरिश आर्य, ओमबाबा राठौर, सुनील दुबे, राजेश भूरा यादव, डॉ. अनीस खान, सीताराम भारती, नरेन्द्र खंगराले, योगेन्द्र राय, रामनारायण शर्मा, मनोज पटेल, घनश्याम मीणा, विवेक राठौर, घनश्याम यादव, आशीष गेहलोत, राकेश वर्मा, मजीद अंसारी, रघुवीर सिंह दांगी, के.के.रिछारिया, भगत सिंह तोमर, तुलसी राजकुमार राठौर, कमलेश चाण्डक, मांगीलाल टिमरई, असरफ अली, लक्की सक्सेना, नायाब खान, गजराज परमार, ओम सोनी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
0 Comments