
सीहोर। शहर के मंडी क्षेत्र में स्थित श्री राम मंदिर के पास सात दिवसीय कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथा पंडाल में बडी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे। राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित बाबूदास वैष्णव ने बताया कि शिवजी और देवी सती से जुड़ी एक कथा प्रचलित है, इस कथा का संदेश यह है कि हमें कभी भी किसी के घर बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए। कहा कि शिवजी और माता सती से जुड़ी कथा श्रीमद् देवी भागवत, शक्तिपीठांक सहित कई ग्रंथों में बताई गई है। इस कथा के अनुसार देवी सती के पिता प्रजापति दक्ष थे। सती ने भगवान शिव से विवाह किया था। इस विवाह से दक्ष प्रसन्न नहीं थे। प्रजापति दक्ष ने हरिद्वार में भव्य यज्ञ का आयोजन किया और शिव-सती को छोड़कर सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। माता सती को यह बात नारद जी से मालूम हुई तो वह यज्ञ में जाने के लिए तैयार हो गईं। भगवान शंकर ने माता सती को समझाया कि बिना बुलाए यज्ञ में जाना ठीक नहीं है, लेकिन माता सती नहीं मानीं। शिवजी के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के घर यज्ञ में चली गईं। जब सती यज्ञ स्थल पर पहुंची तो उन्हें मालूम हुआ कि यज्ञ में शिवजी के अतिरिक्त सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है। यह देखकर माता सती ने पिता दक्ष से शिवजी को न बुलाने का कारण पूछा। जवाब में दक्ष ने शिवजी का अपमान किया। अपने पति का अपमान देवी सती से सहन नहीं हुआ और उन्होंने हवन कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। जब यह बात शिवजी को मालूम हुई तो वह बहुत क्रोधित हो गए और शिवजी के कहने पर वीरभद्र ने दक्ष का सिर काट दिया। जीवन प्रबंधन इस कथा से यह सीख मिलती है कि कभी भी बिना बुलाए किसी के घर या किसी कार्यक्रम में जाना ठीक नहीं है। अगर जीवन साथी सही बात कहे तो उसे तुरंत मान लेना चाहिए, उसका अनादर नहीं करना चाहिए। पुत्री या किसी अन्य स्त्री के सामने उसके पति की बुराई या अपमान नहीं करना चाहिए।
आज लगेगा छप्पन भोग, राम जन्मोत्सव की सुनाएंगे कथा
मंडी के राम मंदिर प्रांगण में चल रही राम कथा में आज भगवान राम के जन्मोत्सव की कथा का आयोजन होगा। इसके पूर्व हनुमान मंदिर से हनुमान जी का झंडा निकाला जाएगा। इसी के साथ ही राम कथा में भगवान राम को 56 भोग लगाया जाएगा। कथा समापन पर भगवान राम के बाल रूप की आरती कर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। आयोजक समिति ने क्षेत्र के श्रद्धालुओं से राम कथा में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने की अपील की है।
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