सीहोर,31 दिसम्बर,2024महिला मिशन महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। महिलाओं के समग्र विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। राज्य सरकार महिलाओं को उद्यमिता, कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अधिक अवसर दिये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) ने ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं का प्रभाव ग्रामीण परिवारों के जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
समूहों के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायों की शुरुआत
महिलाओं को स्व सहायता समूह बनाकर कई प्रकार के व्यवसायों की शुरुआत करने का अवसर मिला। इन व्यवसायों में स्कूली ड्रेस सिलाई, पोषण आहार का संचालन, टोल टैक्स बैरियर प्रबंधन, राशन की दुकानों का संचालन, जल प्रबंधन, पंचायतों में कर संग्रहण और सड़कों के रख-रखाव जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। इससे महिला सशक्तिकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली। मिशन के समूहों से जुड़े परिवारों को आजीविका के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिये लगातार प्रशिक्षण, मार्गदर्शन के साथ-साथ वित्तीय सहयोग भी दिया जा रहा है।
नवीनतम तकनीकी और उद्योग आधारित आजीविका अवसर
स्वयं सहायता समूहों को स्थायी व्यवसाय और आजीविका के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना प्रारम्भ की गयी। यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि प्रयोजनों के लिए सक्षम बनाती है नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नवीन तरल उर्वरकों के पत्तों पर छिड़काव के लिए कृषि में उन्नत तकनीक की शुरुआत करती है।
कृषि और पशुपालन में नई दिशा
कृषि, पशुपालन, दुग्ध उत्पादनतथा गैर वानकी लघु वनोपज संग्रहणके क्षेत्र में भी आजीविका मिशन द्वारा बडे पैमाने पर समूह सदस्यों को संगठित कर प्रोड्यूसर कंपनियों से जोड कर लाभान्वित किया गया है। सदस्यों को संगठित कर प्रोड्यूसर कंपनियों के माध्यम से कृषि, कुक्कुट पालन, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, लघु वनोपज आदि के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में कामयावी मिली है।
मध्यप्रदेश में आजीविका मिशन द्वारा कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है।
दीदी कैफे
केन्द्र सरकार के सौ दिनों में लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य मिलने के बाद राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्तीय सहायता, बाज़ार सहायता एवं तकनीकी सहायता दी गई है। इनके स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक बनाने के लिये डिजीटल प्लेटफार्म पर लाकर ऑनलाईन मार्केटिंग की जा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक सशक्तिकरण की ओर एक कदम
महिला समूह सदस्यों ने पात्रता अनुसार शासन की योजनाओं का आगे बढकर लाभ लिया है। स्वच्छता अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पर्यावरण संरक्षण, बचत, बैंकिंग, डिजीटल लेन-देन, सुरक्षा बीमा आदि क्षेत्रों में उनके द्वारा न केवल स्वयं लाभ लिया गया है अपितु दूसरेलाभार्थियोंके लिए मददगार भी बनी है। घरेलू हिंसा में कमी, लिंग भेद में कमी लाने के प्रयास करना तथा अन्य शासकीय अभियानों, शासकीय योजनाओं तथा सामुदायिक विकास के मुद्दों तथा निगरानी में भागीदारी बढी है। विगत पंचायत निर्वाचन में महिलायें पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य आदि पदों पर निर्वाचित हुई हैं यह आंकडा बताता है कि विकास की मुख्यधारा से जुडकर जागरूक हुई महिलायें अपने सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण के साथ-साथ राजनैतिक सशक्तीकरण की ओर भी तेजी से अग्रसर है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिला सशक्तिकरण, सामाजिक और आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है। यह मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो रहा है साथ ही समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ग्रामीण महिलाएं अब न केवल अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं, बल्कि समाज और राजनीति में भी अपनी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।
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