अनोखे कार्यक्रम में गांव की महिलाओं और बच्चियों को बताया घर में बैठने से कुछ नहीं होगा


सीहोर। मंगलवार को जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर स्थित रामाखेड़ी में एक अलग ही माहौल था। गांव के मंदिर पर गांव की सभी महिलाएं और बच्चियां एकत्रित थी। बच्चियों और महिलाओं के अनोखे आयोजन में हर कोई लाभ लेता हुआ नजर आ रहा था। गांव की बच्चियों और महिलाओं को जागरूक बच्चियों की संस्था ने बताया कि घर में बैठने से कुछ नहीं होगा। उन्हें उनके अधिकारों के बारे तो बताने के साथ उन्हें जागरूक रहने के साथ नए कानून की जानकारी भी दी।  उक्त कार्यक्रम में गाँव की मुस्कान मेवाड़ा, सिमरन मेवाड़ा, शालू मेवाड़ा, बिनीता मेवाड़ा की भूमिका सराहनीय रही।

महिलाओं का बढ़ा मनोबल
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद किसान और समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा ने बताया कि गांव की जागरूक बच्चियों ने गांव कि पिछड़ी महिलाओं और जागरूक करने का जो बीड़ा अपने हाथ लिया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। क्योंकि आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं और बच्चियां शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ी है। महिलाओं और बच्चियों को जागरूक होने से समाज की भी भलाई होगी। सामाजिक विसंगतियां दूर होगी। गांव भी शहर की तरह विकास की गाथा लिखेंगे।
जागरूक बच्चियों के संगठन मिलान फाउंडेशन संस्था के तत्वावधान में बच्चियों से सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए गांव की महिलाओं और बच्चियों के दिल जीत लिया। इस दौरान कार्यक्रम के दौरान गांव की महिलाओं और बच्चियों को उनके अधिकार और कानून के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया गया। सभी गांव की लड़कियों और बच्चियों को सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दी।
बताया बच्चियों का पढऩा लिखना जरूरी
जिले के ग्राम राम खेड़ी की शिक्षित बच्चियों ने गांव में अनोखे सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिलाओं को जागरूक करते हुए अताया कि बच्चियों को पढऩा-लिखना जरूरी है। शिक्षित होने पूरा परिवार आर्थिक रूप से सक्षम होगा। इसके साथ ही कोई भी महिलाओं और बच्चियों को मूर्ख नहीं बना पाएगा। इसके साथ ही बताया कि कम उम्र में उनकी शादी नहीं करना चाहिए। बच्चियों को अच्छा रोजगार के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा  महिलाओं को निडर रहकर काम करने की बात बताई। साथ ही सामाजिक विसंगतियों जैसे बाल मजदूरी, घरेलू हिंसा के बारे में भी जानकारी दी। 

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