24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2550 वां निर्वाण महोत्सव। जैन समाज के पाच रंगीय ध्वज एवं कृति स्तंभ स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जंयति वर्ष महोत्सव मनाया जायेंगा ।



सीहोर।        जैन धर्म के इष्ट आस्था के केंद्र 1008 श्री भगवान महावीर का 2550 वां निर्वाण महोत्सव  1 नवम्बर को  भगवान महावीर के 2500 वें निर्वाण महोत्सव पर संसोधित पंच रंगीय ध्वज तथा भगवान महावीर के संदेश के उल्लेख से परिपूर्ण  कृति स्तंभ निर्माण के 50 वें वर्ष स्वर्ण जंयति वर्ष को भक्ति भाव से नित्य नियम पुजा अर्चना विधान मंडल धार्मिक अनुष्ठान निर्वाण लाड़ू समर्पित कर थ्वज वंदना कर मनाया जायेगा ।

परंपरागत  श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर स्थित छावनी मे प्रातः 6 बजे श्री के अभिषेक शांति धारा  पूजन अर्चना विधान मंडल धार्मिक अनुष्ठान निर्वाण  लाड्र समर्पित कर ध्वज वंदना कर भक्ति भाव से  ओत्प्रोत हो मनाया जायेगा । सुबह 8 बजे कस्बा स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर मे धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होगे । तत्पश्चात बृहमपुरी स्थित श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर  श्रधदालोकार  पंहुचकर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करेंगे तत्पश्चात  गांधी पार्क मे स्थापित भगवानजी कि प्रतिमा तथा भगवान महावीर के संदेश व  महामंत्र णमोकार के उल्लेख  से परिपूर्ण कृति स्तंभ के 50 वर्ष पर स्वर्ण जंयति वर्ष  महोत्सव पर पूजा अर्चना कर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जायेगे ।
महिला मंडल के द्वारा आयोजित भक्तामर महाकाव्य गायन तथा भक्ति भाव से भजन-कीर्तन कर प्रभांवना का वितरण किया जायेगा  ।
 ज्ञातव्य है की भगवान महावीर के 2500 वां निर्वाण  महोत्सव  राष्ट्रीय स्तर भारत सरकार के तत्वाधान मे  जैन समाज ने श्रध्दा के साथ महामहोत्सव विशाल व भव्य रूप मे आयोजित कर मनाया था ।
 भगवान महावीर के 2500 निर्वाण महोत्सव पर अनादिकाल से फहराए जाने वाले ध्वज को धर्म गुरु आचार्य श्री संघ के विचार व स्वीकृति पर संसोधित कर पच रंगीय ध्वज फहराकर आयोजन का शुभारंभ हुआ था वही भगवान महावीर के संदेश को जन जन तक पंहुचाने भगवान महावीर के 2500 निर्वाण महोत्सव स्मारक के रुप मे विधी विधान से स्थापित कर श्रध्दालुओ ने धर्म लाभ अर्जित किया था 
जैन धर्म के अनुयायीयोके आस्था का केन्द्र है ।



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