सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्ध में श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में वृद्धजनों के साथ महादेव की होली की शुरूआत की गई। इस मौके पर पूर्णिमा के पावन अवसर पर समिति की अध्यक्ष श्रीमती निशा सिंह ने वृद्धजनों को पुष्प वर्षाकर स्वागत-सम्मान किया और इसके पश्चात ठंडाई का वितरण किया गया। कार्यक्रम में जिला संस्कार मंच के धर्मेन्द्र माहेश्वरी, संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार पुरविया, अरुण सूर्यवंशी आदि शामिल थे। इस मौके पर पंडित सुनील पाराशर और सुनील त्रिवेदी आदि ने फाग गायन की प्रस्तुति दी।
इस मौके पर जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि होली का पावन पर्व पूर्णिमा की रात्रि को होली दहन के साथ ही आरंभ हो जाता है। परम्परा के अनुसार होली दहन के दूसरे दिन गमी वाले दिन वाले घरों पर जाकर अबीर-गुलाल डाला जाता है। इसके बाद शनिवार को शहरवासियों के द्वारा इस वर्ष भी हमारे शहर की आन, बान और शान अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर पूरे शहर में महादेव की होली की परम्परा निभाई जाएगी और केन्द्र से नाश्ते के पैकेट ले जाकर चल समारोह में शामिल श्रद्धालुओं को वितरण किए जाऐंगे। उन्होंने बताया कि एक समय की बात है जब हिरण्यकशिपु नाम का असुर राजा अपने पुत्र प्रह्लाद से नाराज था क्योंकि वह भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकशिपु चाहता था कि उसका बेटा केवल उसकी पूजा करे, लेकिन प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने उनकी रक्षा की। आखिर में, हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका की मदद ली, जिसे यह वरदान था कि वह अग्नि में नहीं जल सकती। होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर जलती आग में प्रवेश किया, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई। यही कारण है कि हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में होलिका दहन किया जाता है।
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