सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ कुबेरेश्वरधाम पर सात दिवसीय भव्य रुद्राक्ष महोत्सव का समापन किया गया है। इस मौके पर कथा के विराम के पश्चात लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने गतंव्य की ओर रवाना हो गए थे, वहीं मंगलवार को यहां पर हजारों की संख्या में ठहरे श्रद्धालुओं को जाने का सिलसिला लगा रहा। यहां पर कथा के दौरान सातों दिन में करीब 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आए थे, इसके अलावा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बिहार सहित अन्य प्रदेशों से आए करीब 3000 हजार से अधिक सेवादारों का सम्मान और पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने दस दिनों तक रुद्राक्ष महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन शाला के अलावा अन्य सेवा की है। इस मौके पर पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य है, यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को नियमित रूप से भोजन प्रसादी और पेयजल आदि की व्यवस्था हो इसके लिए यहां पर सेवादार के रूप में सेवा की यह सम्मान के अधिकारी है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जरूरतमंद लोगों की सेवा करते समय ये नहीं सोचना चाहिए कि इससे लाभ मिलेगा या नहीं, तभी मन को शांति मिल सकती है। अगर सेवा के बदले हम प्रतिफल के बारे में सोचेंगे तो मन शांत नहीं रहता है। इस मिथ्या संसार में कोई अपना नहीं है। सभी स्वार्थ के वशीभूत होकर अपने-अपने स्वार्थपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करके संसार में अंधकारमय जीवन जी रहे हैं। यदि किसी का स्वार्थ प्रयोजन सफल नहीं होता तो वह मुख मोड़ लेता है। इसी प्रकार परिवार, समाज और मित्रों से भी स्वार्थ पूर्ति नहीं होती है तो व्यक्ति उनसे मुख मोड़कर अलग हो जाता है।
बाबा की आरती करने के पश्चात कथा के लिए रवाना
विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में तीन मार्च को विराम हुई कथा के उपरांत परिसर में मंगलवार को सेवादारों के द्वारा सफाई आदि की व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं के मध्य में पहुंचे पंडित श्री मिश्रा बाबा की आरती करने के पश्चात आगामी 6 मार्च से आयोजित होने वाली कथा के लिए रवाना हो गए। समिति की ओर से पंडित समीर शुक्ला और विनय मिश्रा ने बताया कि कथा के दौरान करीब 20 लाख से अधिक महोत्सव में शामिल हुए थे। इसके अलावा महोत्सव में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिध, सभी समाजजनों, ग्रामीण, शहरी और अन्य सभी ने महोत्सव में अपनी सेवा देकर सफल बनाया है।
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