सीहोर, मध्य प्रदेश शासन वन विभाग, वन परिक्षेत्र सीहोर, के सहयोग से, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1, सीहोर, में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने संस्था प्राचार्य सुनीता जैन के मार्गदर्शन में अनुभूति कार्यक्रम में सहभागिता की
कार्यक्रम के आरंभ में रेंजर सीहोर रजनीश कुमार शुक्ला एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र राय ने वनों का मानव जीवन में महत्व व वन प्राणियों के संरक्षण एवं उपादेयता पर विस्तार से चर्चा कर स्वयंसेवकों एवं उपस्थित जनसमूह का मार्गदर्शन किया
मास्टर ट्रेनर हरीश चंद्र आर्य ने वनस्पतियों और वृक्षों की अनेक प्रजातियों को वनों में दिखाकर उनके औषधि एवं अन्य गुणों से सभी को अवगत कराया
खारी जंगल में अनुभूति कार्यक्रम का उद्देश्य और थीम "मैं भी बाघ हम में बदलाव" के अंतर्गत स्वयंसेवकों ने 04 किलोमीटर पैदल भ्रमण कर जंगली जानवर, वनस्पति, औषधीय पोंधे, जंगली जानवरों के निशान को नेचर ट्रेल के माध्यम से बहुमूल्य जानकारियां प्राप्त की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश शर्मा उपवन मंडल अधिकारी सीहोर ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस खारी के जंगल में टाइगर भी है, मध्य प्रदेश में 2010 में 257 बाघ थे अब 2022 की गणना में 785 हो गए हैं बाघ की औसत आयु 13 से 15 वर्ष होती है बाघ एक रात्रि में 80 किलो मीटर चलता है पूरे भारत में 3682 टाइगर है इस प्रकार वन एवं वन्य जीवन के महत्व को रेखांकित करते हुए स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया। अपने वृक्ष अपने राम की मुहिम चलाने वाले स्काउट प्रभारी संतोष सोनी ने वृक्षों की हमारे जीवन में भूमिका को स्पष्ट कर मार्गदर्शन किया
कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता हेतु आकर्षक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी
एक दिवसीय अनुभूति शिविर की समाप्ति पर ,आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र तथा ट्रॉफी से पुरस्कृत किया
कार्यक्रम का संचालन डॉ देवेंद्र साहू, ने एवं आभार बृजेश राठौर डिप्टी रेंजर द्वारा व्यक्त किया गया
कार्यक्रम में उत्कृष्ट विद्यालय से मोनिका पाराशर रामवृक्ष भारद्वाज अर्चना वर्मा रीता पटेल डॉली गुप्ता एवं वन विभाग से गौहर जहां सिद्दीकी उपवन क्षेत्रपाल विनय टिमरई वनपाल विजय कसौटिया वनपाल कुमेर सिंह चौहान वनपाल संतोष साहू वनरक्षक संजय शर्मा वनरक्षक वीरेंद्र सिंह भाटी वनरक्षक और वन समिति अध्यक्ष हरी प्रसाद गौर का विशेष सहयोग रहा
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